Mahavtar Movie vs Adipurush: आदि पुरुष का collection ज्यादा ?




Mahavtar Movie vs Adipurush: दोनों का असली कंपैरिजन बिना किसी पक्षपात के

जब भी भारतीय सिनेमा में कोई माइथोलॉजी बेस्ड फिल्म आती है, दर्शकों की उम्मीदें अपने आप बढ़ जाती हैं। हाल ही में "Mahavtar" और उससे पहले "Adipurush" जैसी बड़ी फिल्मों ने इसी श्रेणी में एंट्री मारी है। दोनों फिल्मों का विषय धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक भावनाओं से जुड़ा है। लेकिन इन दोनों के बीच कई बड़ा फर्क है — चाहे वह VFX हो, कहानी की गहराई, या भावनात्मक पकड़।

इस ब्लॉग में हम बिना किसी पक्षपात के दोनों फिल्मों का निष्पक्ष तुलना करेंगे।


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1. कहानी और स्क्रिप्टिंग (Story & Depth)

Adipurush ने रामायण के एक पौराणिक रूपांतरण को दिखाने की कोशिश की थी, लेकिन इसकी स्क्रिप्ट काफी क्रिटिसाइज़ हुई। मॉडर्न डायलॉग्स (“tere baap ka raj hai kya?”) और फिल्म की भाषा में जो अपरिपक्वता थी, उसने दर्शकों को कंफ्यूज़ और अपसेट कर दिया।

Mahavtar, वहीं दूसरी तरफ, एक नई कहानी को पेश करता है — जो भले ही किसी विशेष ग्रंथ पर आधारित न हो, लेकिन इसके पीछे एक गहरी दार्शनिक सोच और माइथोलॉजी से जुड़ी परतें हैं। इसकी कहानी में नया पण है, जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है।

👉 फैसला: Mahavtar की कहानी ज्यादा रिस्पेक्टफुल और सुस्पष्ट है।


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2. विजुअल इफेक्ट्स (VFX & Cinematography)

Adipurush की सबसे बड़ी आलोचना इसके खराब VFX को लेकर हुई थी। किरदार प्लास्टिक जैसे लगते थे, एनिमेशन गेम्स की तरह दिखता था, और 500+ करोड़ के बजट के बावजूद फिल्म ने बच्चों की कार्टून जैसी फील दी।

Mahavtar, हालांकि उतने बड़े बजट की नहीं है, लेकिन इसकी विजुअल प्रेजेंटेशन कहीं ज्यादा संतुलित, मैच्योर और सिनेमैटिक लगती है। कैमरा एंगल्स, लाइटिंग और विजुअल इफेक्ट्स सब कंट्रोल में रहते हैं।

👉 फैसला: Mahavtar VFX में कमाल दिखाती है जबकि Adipurush उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।


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3. अभिनय और कास्टिंग (Acting & Casting)

Adipurush में प्रभास, सैफ अली खान जैसे बड़े नाम थे, लेकिन उनकी एक्टिंग रेंज सीमित लगी। सैफ का रावण करैक्टर काफी वेस्टर्नाइज्ड था, और प्रभास का किरदार भावनात्मक रूप से कनेक्ट नहीं कर पाया।

Mahavtar की खास बात यह है कि इसमें हर किरदार अपने रोल में डूबा नजर आता है। चेहरों की ओवरएक्टिंग नहीं है, बल्कि अंदर से निकली भावनाएं दिखती हैं — जो कहानी को और गहराई देती हैं।

👉 फैसला: Mahavtar की कास्टिंग कमर्शियल भले न हो, लेकिन परफॉर्मेंस पावरफुल है।


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4. धार्मिक भावनाओं का सम्मान (Cultural Sensitivity)

Adipurush को लेकर सबसे ज्यादा विवाद इसी बात पर हुआ था — कि फिल्म ने धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। सोशल मीडिया पर इसके डायलॉग्स और लुक्स को लेकर बवाल मच गया।

Mahavtar, इसके विपरीत, प्रतीकों और संदर्भों का बहुत सावधानी से इस्तेमाल करता है। ये फिल्म दर्शकों की आस्था को ठेस नहीं पहुंचाती, बल्कि उसे जागृत करती है।

👉 फैसला: Mahavtar ज्यादा सेंसिटिव और रिस्पेक्टफुल है।


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5. संगीत और बैकग्राउंड स्कोर (Music & BGM)

Adipurush के गाने औसत थे और बैकग्राउंड स्कोर जगह-जगह ओवरपावरिंग लगते थे।

Mahavtar का म्यूजिक न सिर्फ ध्यान खींचता है बल्कि मूड भी सेट करता है। बैकग्राउंड स्कोर में भारतीय वाद्य यंत्रों की झलक मिलती है, जो इसे आध्यात्मिक टच देता है।

👉 फैसला: Mahavtar का म्यूजिक ज्यादा इनोवेटिव और इमोशनल है।



🔚 निष्कर्ष (Conclusion):

जहां Adipurush ने बड़े बजट और स्टारकास्ट के बावजूद दर्शकों को निराश किया, वहीं Mahavtar ने सीमित संसाधनों के साथ भी एक प्रभावशाली और श्रद्धापूर्ण प्रस्तुति दी है। अगर आपको माइथोलॉजी और स्पिरिचुअलिटी दोनों में रुचि है, तो Mahavtar एक बेहतर विकल्प है।

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